मन में आशा की कोई ज्योत जलाओ तो सही। ये घुटन और ये $गम दिल से हटाओं तो सही। अपने संकल…
Read moreकवि कलम जब काज करेगी। हिंदी जग पर राज करेगी। गाँधी जैसे नेताओं ने, पाल-पोषकर इस…
Read moreआर्य समाज ने अपने जीवन की इस एक शती में जितने बलिदान किये है, उतने विश्व की बहुत कम …
Read more‘‘नायमात्मा प्रवचनेन लक्ष्मी न मेघया न बहुनाश्रुतैन।’’ 14 श्रावण संवत 1936 के…
Read moreप्रिय पाठकवृन्द! अंग्रेजों के आगमन से भारत में कई विषय नये ज्ञात हुए और कई भ्रांत…
Read moreजैन और बौद्ध धर्म को ‘ब्राह्मण संस्कृति’ की तुलना में ‘श्रमण संस्कृति’ कहा जाता है। ब…
Read moreमहर्षि दयानन्द ने अपने ग्रंथो में यों तो शतशः नीति श्लोक उद्धत किये हैं किन्तु इनमें …
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